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Saturday, June 27, 2020

DEPRESSION : CAUSE AND REMEDY

DEPRESSION : CAUSE AND REMEDY 

अवसाद : कारण और उपचार 


डिप्रेशन के शिकार होने पर आत्महत्या कर लेना, ये वर्तमान में एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। लोगों में सहने की शक्ति का ह्रास एक विकराल रूप धारण कर चुका है। जिसके कारण लोग अपनी इहलीला समाप्त कर लेते हैं। क्यों उठा लेते हैं लोग ये कदम ?
 कोई व्यक्ति डिप्रेशन में आत्महत्या क्यों कर लेता है? आखिर क्या है डिप्रेशन की वजह, लक्षण और इसका इलाज ?
  यह जरूरी नहीं है कि डिप्रेशन या अवसाद के लिए व्यक्ति के साथ कोई बड़ा हादसा या टेंशन जिम्मेदार हो। रोजमर्रा के उचित -अनुचित कार्यों से भी लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। 

 डिप्रेशन के मुख्य कारण-


  • व्यक्ति के बेहद करीबी  लोगों का दूर हो जाना।
  • परिवार से दूर अकेले रहना।
  • भविष्य को लेकर होने वाली चिंता।
  • असुरक्षा की भावना का पैदा होना।
  • पैसे से जुड़ी समस्या के साथ कोई पारिवारिक समस्या।
  • पारिवारिक कलह। 
  • सदैव मानसिक/ शारीरिक रूप से प्रताड़ित होना या किया जाना। 
  •  अपनी भावनाओ को व्यक्त करने में अक्षम होना। 
  •  अपने आपको सर्वज्ञाता या सबसे मूर्ख समझना । 
उपरोक्त सारे कारणों में सबसे मुख्य कारण पहला है ,जब कोई भी व्यक्ति अपनों से दूर हो जाता है ,तो वो भारी तनाव की जिंदगी जीने लगता है। चाहे वो अपने उनके रिश्तेदार हों ,प्रेमी हो ,प्रेमिका हो या ऐसा कोई भी जिसे वो हद से ज्यादा प्रेम करता हो। भले ही वो एक छोटा सा बच्चा ही क्यों न हो। जब अचानक से वे अलग होते हैं तो बहुत लोग इसको स्वीकार ही नहीं कर पाते हैं ,उनका मन ये मानने को तैयार ही नहीं होता है की जिसे वो इतना स्नेह दे रहे थे ,वे उनसे दूर हो गए हैं। वैसे भी आपको कुछ्लोगों की एक आदत सी हो जाती है ,जरा सा भी समय उनके बिना एक लम्बा वक्त सा लगता है। और ऐसे में अगर उनके पास कोई और आशा दिलाने वाला न हो तो स्थिति भयावह हो जाती है। और वे अकेलेपन का शिकार होकर आत्महत्या जैसे निर्णय भी ले लेते हैं। 

डिप्रेशन के लक्षण

  • अवसाद के दौरान व्यक्ति का स्वभाव पल-पल बदलता रहता है जिसे मूड स्विंग्स भी कह सकते हैं।
  • व्यक्ति में चिड़चिड़ापन, पलायनवादी रवैया, व्यवहार में आने वाला अजीब बदलाव, अचानक से रोने की इच्छा, मादक द्रव्यों के सेवन, या बहुत तेज गुस्सा करने जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
  • आत्महत्या करने की प्रबल इच्छा होती है। ऐसे लोग या तो इस बारे में बातें करते हैं या चुपचाप अपने जीवन को खत्म करने की कोशिश करते हैं।
  • व्यक्ति दूसरों से मिलना-जुलना छोड़ देते है।
  • अकेला रहना और कम बोलना पसंद करते है।
  • इसके अलावा उन्हें हमेशा एक अनजाने खतरे की आशंका बने रहने के साथ घबराहट या भय भी बना रहता है।
  • दिल की धड़कन तेज रहना।
  • तेजी से सांस लेना और लगातार पसीना आना भी अवसाद के लक्षणों में से है।

 डिप्रेशन का उपचार 

  • डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को कभी भी अकेले न छोड़ें। ऐसे व्यक्ति को अकेला छोड़ना घातक हो सकता है।
  • डिप्रेशन के बारे में पता लगते ही रोगी व्यक्ति के इलाज के लिए अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें।
  • डिप्रेशन ठीक करने के लिए सबसे जरूरी चीज है घर का खुशनुमा माहौल ,इसलिए अपने घर में खुशनुमा माहौल बनाए रखें ना कि कलह का वातावरण हो।   
  •  योग, व्यायाम, संगीत, नृत्य तथा परिवार एवम् अच्छे मित्रों का साथ बनाए रखें ।
  •  हंसते रहें, हंसाते रहें ।
  • डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति को हरसंभव व्यस्त रखें। 

डिप्रेशन से बचने के लिए भोजन में करें ये बदलाव

  • डिप्रेशन के रोगी को भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। उन्हे ऐसे फलों का सेवन अधिक करना चाहिए जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो।
  • हरी पत्तेदार सब्जियों और मौसमी फलों का खूब सेवन करें।
  • चुकन्दर का सेवन डिप्रेशन के मरीजों को जरूर करना चाहिए। चूकन्दर में काफी मात्रा में ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमिटर्स की तरह काम करते हैं और अवसाद के रोगी में मूड को बदलने का काम करते हैं।
  • डिप्रेशन के मरीज भोजन और सलाद में टमाटर का सेवन अवश्य करें। टमाटर में मौजूद लाइकोपीन नाम का एंटी-ऑक्सिडेंट पाया जाता है जो अवसाद से लड़ने में मदद करता है। एक शोध के अनुसार जो लोग सप्ताह में 4-6 बार टमाटर खाते हैं वे सामान्य की तुलना में कम अवसाद ग्रस्त होते हैं।
  •  सूखे मेवे, अलसी का सेवन करें ।
  •  अत्यधिक मांसाहार ना करें ।
  • किसी भी प्रकार के एल्कोहल तथा तंबाकू आदि के सेवन से बचना उचित है। 
आप सदैव स्वस्थ और  तंदुरुस्त रहें तथा खुद से प्यार करें  क्योंकि ज़िन्दगी एक अनमोल चीज है ,और सुख -दुःख का सम्मिश्रण है। बीती बातों का तनाव लेकर आप अपने आगे के रास्तों को खुद कठिन कर लेते हैं। हालांकि यह भी सच है की कुछ चीजों को कहना तो आसान है ,मगर कठिन वक्त को झेलना काफी मुश्किल भरा होता है। जो इस दौर से गुजर रहे होते हैं ,उन्हें काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है ,लेकिन अपने आपको वक्त देकर अवसाद के क्षणों से निकला जा सकता है ,भले वक्त कुछ ज्यादा लग जाये ,लेकिन अपने आपको वक्त देकर अवसाद से निपटा जा सकता है। इस भाग दौड़ की जिंदगी  में आपको कौन प्यार करता है या नहीं करता है ,ये कदापि न सोचें ,लोगों से बहुत ज्यादा उम्मीद भी न लगायें तो ये बेहतर होगा। बस एक दूसरे का सहयोग लेकर आगे बढ़ने का रास्ता तैयार करें। कौन आपके साथ है या नहीं है इसका तनाव लिए बिना अपने लक्ष्यों की तरफ बढिये ,यकीन मानिये आप जरूर सफल रहेंगे। जो आपके साथ हैं ,उनका आभार प्रकट करें ,लेकिन जो साथ न हों उनसे कोई बैर भी मत रखिये ,ऐसा करने से भी आप वेवजह के तनाव से बचे रहेंगे।   

   


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